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खेती की मिट्टी पहले ही खराब हो चुकी है
खेती की मिट्टी पहले ही खराब हो चुकी है
मिट्टी बचाओ सद्गुरु द्वारा शुरू किया गया एक वैश्विक अभियान है, जो मिट्टी के संकट को दूर करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एकजुट कर रहा है। यह अभियान, खेती की मिट्टी में जैविक (ऑर्गेनिक) सामग्री को बढ़ाने के लिए सभी देशों के नेताओं को राष्ट्रीय नीतियां बनाने और कार्रवाई करने में मदद कर रहा है।
मिट्टी बचाओ सन्देश
मिट्टी बचाओ अभियान की शुरुआत एक योगी, दिव्यदर्शी और युगदृष्टा सद्गुरु द्वारा की गई है।
संकट
जैविक (ऑर्गेनिक) सामग्री की कमी के कारण मिट्टी रेत में बदल रही है:
भोजन संकट
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 20 वर्षों बाद धरती पर 930 करोड़ लोग होंगे, और तब 40% कम भोजन का उत्पादन होगा।
खराब मिट्टी की वजह से भोजन की पौष्टिकता कम हो जाती है। आज के फलों और सब्जियों में, पोषक तत्व पहले ही 90% कम हो गए हैं।
2 अरब लोग पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां हो रही हैं।
पानी की कमी
अगर मिट्टी की क्वालिटी ख़राब हो जाए, तो वह मिट्टी जल के बहाव को सोखकर उसे कंट्रोल नहीं कर पाती है।
जल को सोखने की क्षमता की कमी से पानी की कमी होती है, जिससे सूखा और बाढ़ होते हैं।
कार्बनिक पदार्थ अपने वजन के 90% हिस्से में पानी सोख सकते हैं, और समय के साथ इस पानी को धीरे-धीरे छोड़ सकते हैं। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में ये एक बड़ी मदद है।
जैव-विविधता (बायोडायवर्सिटी) का नुकसान
वैज्ञानिकों का कहना है कि अलग-अलग प्राणियों के रहने की जगह नष्ट होने जाने के कारण, हर साल प्राणियों की लगभग 27000 प्रजातियों का विनाश हो रहा है।
यह संकट उस बिंदु पर पहुंच गया है, जहां 80% कीट बायोमास (इन्सेक्ट बायोमास) खत्म हो चुका है।
जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) के नुकसान की वजह से, मिट्टी पर असर पड़ता है और मिट्टी की फिर से जीवंत होने की क्षमता कम हो जाती है।
जलवायु बदलाव
मिट्टी में मौजूद कार्बन, जीवित पौधों में मौजूद कार्बन की तुलना में तीन गुना, और वातावरण में मौजूद कार्बन की तुलना में दोगुना होता है - जिसका अर्थ है कि कार्बन को समेटने और स्टोर करने के लिए मिट्टी महत्वपूर्ण है।
अगर दुनिया की मिट्टी को फिर से जीवंत नहीं किया गया, तो 850 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड मिट्टी से निकलकर वातावरण में जा सकती है। पिछले 30 वर्षों में पूरी मानवता ने जितनी कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में फैलाई है, यह मात्रा उससे भी ज़्यादा है।
कमाई का नुकसान
मिट्टी की क्वालिटी ख़राब होने की वजह से हज़ारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
विश्व स्तर पर ज़मीन की क्वालिटी ख़राब होने से 74 प्रतिशत गरीब सीधे तौर पर प्रभावित हैं।
ये अनुमान लगाया गया है कि मिट्टी के विनाश होने से दुनिया को हर साल 10.6 ट्रिलियन (10.6 लाख करोड़) अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो रहा है।
संघर्ष और अपनी ज़मीन छोड़कर कहीं और जाना
जनसंख्या वृद्धि और भोजन और पानी की कमी के कारण, वर्ष 2050 तक 100 करोड़ से अधिक लोग दूसरे क्षेत्रों और देशों में पलायन कर सकते हैं।
1990 के बाद से अफ्रीका में 90% से अधिक प्रमुख युद्धों और संघर्षों में भूमि के मुद्दों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माना जाता है कि फ्रांसीसी क्रांति से लेकर अरब वसंत तक - सभी बड़े पैमाने के विरोध आंदोलनों के पीछे की एक वजह रही है - भोजन की ऊंची कीमतें।
जीवित मिट्टी
समाधान
मिट्टी में कम से कम 3-6% जैविक (ऑर्गेनिक) सामग्री वापस लाना
भूमि को वनस्पति (पेड़-पौधों) की छाया से ढंककर, और पौधों के कूड़े और पशुओं के कचरे के माध्यम से मिट्टी की क्वालिटी को बेहतर बनाना.
जीवित मिट्टी, जीवन के लिए महत्वपूर्ण है.
योजना
मिट्टी का स्वास्थ्य
इसके लिए हर देश में मददगार नीतियों की ज़रूरत हैनीतियां
बनने के लिए लोगों का समर्थन ज़रूरी हैलोगों का समर्थन
मिलने के लिए जागरूकता ज़रूरी हैनीतियां क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अधिक जानकारी
कार्य
इस संदेश को 350 करोड़ लोगों तक ले जाएं, ,
जो विश्व के 60% मतदाता (वोट देने वाले लोग) हैं
मिट्टी को बचाने की यात्रा
सद्गुरु एक अकेले मोटरसाइकिल सवार के रूप में, नागरिकों, नेताओं और विशेषज्ञों से मिलने के लिए एक यात्रा करेंगे। यह यात्रा, यूनाइटेड किंगडम से शुरू होते हुए 25 देशों से गुज़रेगी और भारत में ख़त्म होगी। वे 100 दिनों में 30000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
आगामी कार्यक्रम (आयोजन)
Sadhguru in Muscat - Oman Convention and Exhibition Centre,
Wed, May 25 19:00 - 21:00 GST
इस अभियान को ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है
मिट्टी की सेहत को फिर से पहले जैसा बनाने के इस लक्ष्य के लिए हजारों प्रतिष्ठित लोग और संगठन एकजुट हो रहे हैं।
सहायक संगठन
मुझे क्या करना चाहिए?
मिट्टी की आवाज़ बनें!
आप जिस भी तरीके से बता सकते हैं, दुनिया को मिट्टी के बारे में बताएं
मीडिया में
#SaveSoil
आइये इसे संभव बनाएं!